अभी-अभी पेंशनधारकों की पेन्शन मे वृद्धि:- पेंशनभोगी संगठनों की मांगों को लेकर 33वीं SCOVA बैठक 22.02.2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक में पेंशनभोगी संगठनों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
इस बैठक में क्या हुआ, किन मुद्दों पर मुहर लगी और किन मुद्दों को खारिज कर दिया गया. इसके मिनट्स केंद्र सरकार द्वारा 03.05.2024 को जारी किए गए और सभी पेंशनभोगी संगठनों के प्रतिनिधियों को भेजे गए हैं।
इस बैठक में पेंशनभोगी संगठनों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई और कुछ मुद्दों को स्वीकार कर लिया गया और कुछ मुद्दों पर पुनर्विचार करने पर सहमति बनी और कुछ मुद्दों को खारिज कर दिया गया. तो आइए विस्तार से जानते हैं कुछ खास मुद्दों के बारे में जिन पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने फैसले लिए।
पेंशनधारकों का हेल्थ चेकअप
इस बैठक में पेंशनभोगी संगठनों ने मांग की थी कि पेंशनभोगियों की समय-समय पर हर 6 महीने या साल में एक बार स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए. पेंशनभोगी संगठनों ने समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की मांग की थी.
इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने कहा कि पेंशनभोगियों को साल में एक बार स्वास्थ्य जांच कराने की अनुमति है. स्वास्थ्य जांच कराने के इच्छुक पेंशनभोगी सीजीएचएस पैनल में शामिल अस्पताल में जांच के लिए सीजीएचएस वेलनेस सेंटर के सीएमओ से रेफरल ले सकते हैं। यदि किसी पेंशनभोगी को इससे संबंधित कोई शिकायत है तो वह स्थानीय सलाहकार समिति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
65 साल से मिले 5% अतिरिक्त पेंशन का फायदा
पेंशनर्स संगठनों ने मांग उठाई थी कि पेंशनर्स की पेंशन में अतिरिक्त पेंशन बढ़ोतरी का लाभ 65 साल की उम्र से दिया जाए. इस प्रकार 65 वर्ष पर 5%, 70 वर्ष पर 10%, 75 वर्ष पर 15% तथा 80 वर्ष पर 20% अतिरिक्त पेंशन लाभ दिया जाना चाहिए। हर 5 साल में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए.
इस पर डीओपीपीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव ने कहा कि इस मुद्दे पर आर्थिक मामलों के विभाग से सुझाव मांगा गया था, इस पर उन्होंने कहा कि अगर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तो सरकार की वित्तीय स्थिति खराब हो सकती है, साथ ही वित्तीय स्थिति भी खराब हो सकती है.
राज्य सरकारों की. पेंशनर्स भी ऐसी मांग करेंगे , जिसके कारण आर्थिक बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. संयुक्त सचिव के इस तर्क के बाद पेंशनभोगी संगठनों ने इस मांग पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.
FMA में बढ़ोतरी
इस बैठक में गैर-सीजीएचएस क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगियों के निश्चित चिकित्सा भत्ते में वृद्धि का मुद्दा भी उठाया गया. फिक्स मेडिकल भत्ता अभी 1000 रुपये है और इसे बढ़ाने की मांग की जा रही थी. पेंशनर्स संगठनों का कहना है कि सिर्फ 1000 रुपये में दवाओं की जरूरतें पूरी नहीं हो सकती, इसलिए इसे तुरंत 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये किया जाना चाहिए.
इस पर संयुक्त सचिव ने कहा कि इस मुद्दे की जांच आर्थिक मामलों के विभाग और व्यय विभाग के बजट प्रभाग के साथ की गई थी और यहां उन्होंने कहा कि 7वीं सीपीसी की सिफारिश के अनुसार, जुलाई से निश्चित चिकित्सा भत्ता को संशोधित कर ₹1000 कर दिया गया था. 1, 2017 कर दिया गया है, ऐसे में इसे दोबारा नहीं बढ़ाया जाएगा.
फैमिली पेंशनधारकों के लिए फिक्स मेडिकल अलाउंस की मंजूरी
इधर पेंशनभोगी संगठनों ने रेलवे बोर्ड के प्रतिनिधियों से मांग की कि पारिवारिक पेंशन पाने वाली विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को भी निश्चित चिकित्सा भत्ते का लाभ दिया जाए. रेलवे बोर्ड उन्हें इस तरह का लाभ नहीं देता. ऐसे में रेलवे बोर्ड को तुरंत इस पर विचार कर उन्हें तय मेडिकल भत्ते का लाभ देने का आदेश जारी करना चाहिए.
इस पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि निश्चित मेडिकल भत्ते का लाभ पेंशनभोगियों के साथ-साथ सभी पारिवारिक पेंशनभोगियों को भी दिया जाता है. रेलवे बोर्ड द्वारा यूएमआईडी सिस्टम लॉन्च किए जाने के बाद से ही यह समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में रेलवे बोर्ड जल्द ही इसकी दोबारा जांच करेगा और जल्द ही इस संबंध में सर्कुलर जारी करेगा.
रेलवे किराए में पेंशनधारकों/सीनियर सिटीजन को मिले छूट
पेंशनभोगी संगठनों ने रेल मंत्रालय के प्रतिनिधियों से मांग की कि पेंशनभोगियों को रेलवे किराए में जो छूट मिलती थी, उसे बहाल किया जाए.
इस पर रेल मंत्रालय ने कहा कि रेल विभाग यात्रियों को रेल किराये में करीब 59837 करोड़ रुपये की छूट देता है. प्रति व्यक्ति देखा जाए तो रेलवे यात्रा में 53 फीसदी की छूट दी जाती है.
दिव्यांग यात्रियों, छात्रों और मरीजों को रियायतों का लाभ दिया जाता है. इसके बाद रेलवे प्रतिनिधि ने कहा कि मौजूदा स्थिति में पेंशनभोगियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे किराए में रियायत बहाल नहीं की जाएगी.
30 जून/31 दिसंबर को रिटायर कर्मियों को 1 इन्क्रिमेंट का फायदा
इस बैठक में नोशनल इंक्रीमेंट का मुद्दा भी उठाया गया. पेंशनभोगी संगठनों का कहना था कि ऐसे कर्मचारी एक साल का कार्यकाल पूरा करते हैं, इसलिए उन्हें 1 जुलाई/1 जनवरी की वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में ऐसे कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था.
इस पर डीओपीटी प्रतिनिधियों ने कहा कि वेतन वृद्धि की तिथि पर सरकारी कर्मचारी को सेवा में होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा नियमों में संशोधन की मांग की गई थी और इस मुद्दे को व्यय विभाग के समक्ष उठाया गया था. अब इस मसले पर अटॉर्नी जनरल के साथ दोबारा विचार किया जाएगा और जल्द ही वेतन वृद्धि देने का आदेश जारी किया जाएगा.
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निष्कर्ष – अभी-अभी पेंशनधारकों की पेन्शन मे वृद्धि
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Source – internet
ख़बर के टाइटल और ख़बर का ब्योरा पढ़ कर यही है सार,”खोदा पहाड़ निकली चुहिया,वह भी नहीं जीती जागती,अधमरी पहाड़ में पड़ी हुई”….”????? सतीश कुमार नागपाल
Bilkul sahi kaha aapne ??