KK Pathak: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. चार माह से वेतन व पेंशन का भुगतान नहीं होने के कारण शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनरों की स्थिति दयनीय है। देखा जाए तो हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को वेतन और पेंशन की राशि तत्काल जारी करने का आदेश देकर चौंका दिया है।
देखा जाए तो हाईकोर्ट ने तत्काल वेतन और पेंशन राशि जारी करने का आदेश देकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को झटका दिया है.दरअसल, अधिकारियों ने विश्वविद्यालयों के बजट (2024-25) की समीक्षा के नाम पर राशि रोक ली है. 29 मई तक प्रत्येक विश्वविद्यालय के बजट की समीक्षा की जानी है। ऐसे में शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन और पेंशन के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
विभाग की इस मंशा को पटना हाईकोर्ट ने समझा और विश्वविद्यालयों को तुरंत राशि जारी करने को कहा. साथ ही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर राशि जारी नहीं की गई तो अधिकारियों का वेतन तुरंत रोक दिया जाएगा.
विश्वविद्यालयों के अफसरों ने जतायी खुशी
पटना हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनरों में उम्मीद जगी है कि अब उन सभी को जल्द ही उनका वेतन और पेंशन मिल जाएगी।
वहीं, कुलपतियों और कुलसचिवों ने हाईकोर्ट के आदेश पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा पिछले चार माह से पैसा उपलब्ध नहीं कराए जाने और सभी खातों को फ्रीज किए जाने से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों की आर्थिक स्थिति खराब है। वहीं पेंशन धारकों को पैसे के अभाव में इलाज नहीं मिल पा रहा है।
कॉपियों का मूल्याकंन हुआ प्रभावित
विश्वविद्यालयों में पैसे की कमी के कारण जहां कॉपियों का मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है, वहीं आगामी परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्रों सहित उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ रही है।
मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. समीर शर्मा ने बताया कि पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों-कर्मचारियों के हित में शिक्षा विभाग को बड़ा आदेश दिया है। राशि उपलब्ध होते ही पहले वेतन और पेंशन का भुगतान करें|
विभागीय आदेश तर्क संगत नहीं
पटना हाईकोर्ट ने 3 मई को शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के सभी तरह के खातों के संचालन पर लगाई गई रोक को हटाने का आदेश दिया था.इसके बाद शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का भुगतान अब तक हो जाना चाहिए था,
लेकिन शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने 4 मई को हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में खातों पर रोक लगाने वाले विभागीय आदेश को निरस्त कर दिया, लेकिन विश्वविद्यालयों के खातों में राशि जारी नहीं की गई।
विभाग ने विवि अधिकारियों के साथ की थी बैठक, लेकिन...
कोर्ट के आदेश के आलोक में 6 मई को शिक्षा विभाग ने होटल मौर्या में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की, जिसमें अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे। तब कुछ कुलपतियों ने इसे न्यायालय की अवमानना कहा था।
इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा बैंक खातों के संचालन पर लगाई गई रोक को लेकर कहा गया था कि कुलपति विभागीय बैठकों में नहीं आते हैं, इसलिए उनके वेतन भुगतान के साथ-साथ बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। इस तर्क को देखते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को कुलपतियों के साथ बैठक करने को कहा था।
शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी और 15 मार्च को अपने दो आदेशों के जरिए कुलपति, रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक का वेतन रोक दिया था, जिससे सभी तरह के खातों का संचालन बंद हो गया था।
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निष्कर्ष – KK Pathak News
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